Tution Teacher Ki Chudai ट्यूशन टीचर की चुदाई
हे दोस्तों, मैं निशांत हूँ। मैं आपको अपनी पहली कहानी बताने जा रहा हूँ। अगर कोई गलती हो तो माफ़ करना और जरूर बताना, कैसी है?
अपनी कहानी पर आते हुए तो हुआ कुछ ऐसा कि मैं 12वीं में था और मेरी नम्बर पेपर में कम आ रहा था। इसलिए मेरे पापा ने एक त्यूशन ज़बर्दस्ती लगा दिया। मैं परेशान हो गया लेकिन पापा का हुक्म था तो मानना ही पड़ेगा। दो दिन बाद मैं शाम को 5 बजे त्यूशन गया तो देखा कि एक 21 साल की लड़की ने मुझे अंदर बुलाया और बोली, “आओ अंदर आओ”। मैं उसे देखता रहा और मैंने कहा, “मैं त्यूशन लेने आया हूँ?” तो उसने कहा, “हाँ मैं ही आपको पढ़ाऊंगी।” मैं कुछ सोचा और बोला, “और कौन-कौन यहाँ पढ़ता है?” तो उसने कहा, “तुम्हारे अलावा हर कोई छोटी कक्षा में है।” दो मिनट बाद बोली, “अच्छा आज तुम घर जाओ लेकिन कल से 5 बजे आना”।
क्योंकि उस दिन रविवार था तो कोई बच्चा पढ़ने नहीं आया फिर मैं चला गया और उसकी बारे में ही सोचता रहा। उसने एक लंबी स्कर्ट और टाइट सूट पहना था जिसमें उसके ब्रेस्ट दिखाई दे रहे थे। मैं पागल सा हो रहा था कि कल कब आएगा और उसका शरीर फिर से देख सकूंगा। अगले दिन मैं 5 बजे की जगह 4 बजे ही चला गया। मैंने घंटी बजाई, कोई नहीं आया। फिर दरवाज़े को हल्का सा धक्का दिया तो गेट खुला। मैं जैसे ही अंदर गया तो देखा सामने बिस्तर पर राधिका (उसका नाम) सो रही थी और उसकी स्कर्ट घुटनों तक और उसके सूट में उसकी ब्रा दिख रही थी। मेरा 8 इंच का लंड कड़क हो गया। मैंने धीरे से जाकर कहा, “माम, माम”। वो उठी नहीं। मुझे रोकने वाला कुछ नहीं था और मैंने उसकी स्कर्ट हल्के से पकड़ कर थोड़ी ऊपर की ओर खींच ली।
वो नहीं हिली भी नहीं। फिर मैंने पूरी स्कर्ट ऊपर कर दी और उसकी व्हाइट पैंटी मेरी सामने आ गई। मेरे फटे किस्मत! उसने पैंटी क्यों पहनी थी? यही सोचते हुए मैं उसके ब्रेस्ट पर हाथ लगाना चाहता था कि वो थोड़ी सी हिली तो हाथ गया और जल्दी से बाहर जाकर आवाज़ मारने लगा, “माम, माम, माम”। उसकी आँखें खुलीं और वो बाहर आई तो बोली, “तुम इतनी जल्दी कैसे?” मैंने कहा, “माम पता नहीं जबसे पता चला है कि आप टीचर हैं तो पता नहीं मुझे रोकने वाला कुछ नहीं था इसीलिए जल्दी आया।” कुछ ऐसा ही 1 महीने के बाद मैं वहाँ और छोटे बच्चों के साथ घुल मिल गया। एक राधिका पढ़ाती हुई बोली, “अभी तू हो?” और जाने लगी तो मैंने पूछा कहाँ जा रही हो, माम?
वो मेरे तरफ देखी और शर्म से टॉयलेट में चली गई। जब आई तो बोली, “तुम क्या पूछ रहे थे?” मैंने कहा, “कुछ नहीं” और जताई। बोली, “निशांत तुम्हारे पेपर पास आ रहा है तुम कल से 5 बजे की जगह 4 बजे आना”। मैंने कहा, “ठीक माम”। अगले दिन जब मैं गया तो उसने पिंक रंग का सूट और पिंक रंग की टाइट पजामा पहना हुआ था। मैं उसे देख रहा था कि उसने कैसे लगे हुए हैं इस नए सूट में मेरी मन में माल, चिकनी, दमदार जैसे शब्द आ रहे थे। फिर मैंने कहा, “ब्यूटीफुल लग रही हो”। बीच में पढ़ाई करते समय वो मेरे लिए पानी लाने जैसी ही थी। मैंने हाथ पकड़ना नहीं चाहा लेकिन बाद में।
उससे गिलास छूट गया और मेरी किताबों और जीन्स पर गिर गया। वो माफ़ी मांगते हुए मेरे किताबें हटा रही थीं और मेरे लंड के पास से पानी साफ कर रही थी अपने कोमल हाथों से। मैं बोला, “रहने दो माम, सुख जायेगा”। बोली, “चुप रहो” और उसके बार मेरा लंड के पास हाथ लगाया तो मेरा लंड खड़ा हो गया और उसने साफ करते हुए मेरे लंड को पकड़ लिया और मुस्कुराई और बोली, “तुम अपनी जीन्स उतार कर सुखाओ वरना तुमको कोई बाहर देख लेगा तो क्या बोलोगे?” मैंने कहा, “क्या बोलूंगा?” तो उसने कहा, “वही कि तुमने टॉयलेट किया है” और हंसने लगी। hahahahahaha और मैंने कहा, “लेकिन कोई आ जायेगा और मुझे बिना जीन्स के देख लिया आपके घर में तो फिर क्या करूँगा?” तो बोली, “देखो मेरे पापा और मम्मा दूसरे घर में रहते हैं और इस समय मैं अकेली हूँ इसलिए अभी कोई नहीं आएगा”। फिर मैंने अपनी जीन्स उतारी और मेरा लंड खड़ा हो गया। मैंने जान पूछी कड़ा रखा था जिससे यह मेरा लंड दिखाई दे और ऐसा ही हुआ जीन्स उतारते ही उसकी नजर मेरे लंड पर गई और उसकी आँखें खुली रह गई। मैंने पूछा, “क्या हुआ माम?” उसने कहा, “तुम्हारा कितना बड़ा है”। मैंने कहा, “क्या?” तो बोली, “यह”। मैंने कहा, “यह क्या?” उसने मेरी लंड की तरफ इशारा किया और बोली, “अभी आओ”।
मैं भी टॉयलेट गया तो देखा वहाँ पर व्हाइट पैंटी और ब्रा लटकी थी। मैंने पैंटी सूंघी तो थोड़ी गीली और मनमोहक खुशबू आ रही थी। फिर मैं बाहर गया, मेरा लंड अभी भी तना था वो पढ़ाई करते समय बार-बार मेरे लंड को देख रही थी और अंदर गई और वो मेरे पास जैसे ही आई मैंने उसकी गांड को नीचा रख दिया और अपना पेन उसके गुदा में घुसा दिया और “आहा” कहती हुई खड़ी हो गई और बोली, “क्या कर रहा हो?” तो मैंने कहा, “माम कुछ नहीं”। मेरा पेन उसका नीचे दब गया था वो निकल रहा था। उसने कहा, “अगर मेरे पजामा फट जाती तो”? मैंने कहा, “माफ़ी” और अपने गुदा दिखाते हुए बोली, “देखो कहीं सच में तो नहीं फट गई”। मैंने देखा तो बोली, “हाथ लगाओ देखो”।
मैं समझ गया ये मुझसे चूदना चाहती है। और मैंने ज्यादा ना सोचते हुए उसको बोला, “तंग तो थोड़ी खोल दो ना”। उसने अपनी गांड पीछे करके टांगें खोलीं। मुझे रोकने वाला कुछ नहीं था और मैंने उसकी पजामा के ऊपर से ही अपना मुंह उसके गुदा में घुसा दिया और चटना लगाया। वो “आह, निश, आह” कहती रही। मैं जल्दी से खड़ा होकर उसे किस करना शुरू कर दिया और वो भी मजा ले रही थी। मैंने अपना एक ऊँगली उसके पजामा में घुसाते हुए किस करते हुए दो उँगलियां उसके गुदा में घुसा दी और वो कुछ नहीं बोली क्योंकि उसके होंठ तो मैंने दबा रखे थे। उसने मुझे हटाया और बोली, “जल्दी करो और बच्चे भी आने वाला है”।
उसकी इतना बोलते ही मैंने उसे जल्दी से कमरे में ले गया और दरवाजा बंद कर दिया और उसे पूरी तरह नग्न करके बोला, “जान मेरे लंड को चूसो”। उसने मना कर दिया। मैंने कहा, “अच्छा घोड़ी तो बन जाओ” और वो बन गई। मैंने उसके गुदा पर थूक लगाया और लंड डाला तो बोली, “धीरे से कर प्लीज”। मैंने अपनी दबाव लगाया तो वो चिल्लाई और बोली, “निकालो प्लीज दर्द हो रहा है आहा आहा आहा”। लेकिन मैं रुका नहीं और एक धक्के में मेरा पूरा लंड उसके गुदा में चला गया। हम दोनों थोड़ी देर के लिए रुक गए। फिर मेरा लंड अंदर बाहर होने लगा और वो “आहा आहा आहा आहा आहा” कह रही थी। उसी समय घंटी बज गई और छोटा बच्चा आया था। मैंने और उसने कपड़े पहने और बोली, “माफ़ करो निशांत आज मजा नहीं आया लेकिन अब कब आएगा?” और मुझे किस किया। मेरा लंड खड़ा हो गया तो पहले ही उसे अलग कर दिया। आगे भी कहानी है अगर आपको पसंद आई तो लिखोगे ठीक है?
अपनी कहानी पर आते हुए तो हुआ कुछ ऐसा कि मैं 12वीं में था और मेरी नम्बर पेपर में कम आ रहा था। इसलिए मेरे पापा ने एक त्यूशन ज़बर्दस्ती लगा दिया। मैं परेशान हो गया लेकिन पापा का हुक्म था तो मानना ही पड़ेगा। दो दिन बाद मैं शाम को 5 बजे त्यूशन गया तो देखा कि एक 21 साल की लड़की ने मुझे अंदर बुलाया और बोली, “आओ अंदर आओ”। मैं उसे देखता रहा और मैंने कहा, “मैं त्यूशन लेने आया हूँ?” तो उसने कहा, “हाँ मैं ही आपको पढ़ाऊंगी।” मैं कुछ सोचा और बोला, “और कौन-कौन यहाँ पढ़ता है?” तो उसने कहा, “तुम्हारे अलावा हर कोई छोटी कक्षा में है।” दो मिनट बाद बोली, “अच्छा आज तुम घर जाओ लेकिन कल से 5 बजे आना”।
क्योंकि उस दिन रविवार था तो कोई बच्चा पढ़ने नहीं आया फिर मैं चला गया और उसकी बारे में ही सोचता रहा। उसने एक लंबी स्कर्ट और टाइट सूट पहना था जिसमें उसके ब्रेस्ट दिखाई दे रहे थे। मैं पागल सा हो रहा था कि कल कब आएगा और उसका शरीर फिर से देख सकूंगा। अगले दिन मैं 5 बजे की जगह 4 बजे ही चला गया। मैंने घंटी बजाई, कोई नहीं आया। फिर दरवाज़े को हल्का सा धक्का दिया तो गेट खुला। मैं जैसे ही अंदर गया तो देखा सामने बिस्तर पर राधिका (उसका नाम) सो रही थी और उसकी स्कर्ट घुटनों तक और उसके सूट में उसकी ब्रा दिख रही थी। मेरा 8 इंच का लंड कड़क हो गया। मैंने धीरे से जाकर कहा, “माम, माम”। वो उठी नहीं। मुझे रोकने वाला कुछ नहीं था और मैंने उसकी स्कर्ट हल्के से पकड़ कर थोड़ी ऊपर की ओर खींच ली।
वो नहीं हिली भी नहीं। फिर मैंने पूरी स्कर्ट ऊपर कर दी और उसकी व्हाइट पैंटी मेरी सामने आ गई। मेरे फटे किस्मत! उसने पैंटी क्यों पहनी थी? यही सोचते हुए मैं उसके ब्रेस्ट पर हाथ लगाना चाहता था कि वो थोड़ी सी हिली तो हाथ गया और जल्दी से बाहर जाकर आवाज़ मारने लगा, “माम, माम, माम”। उसकी आँखें खुलीं और वो बाहर आई तो बोली, “तुम इतनी जल्दी कैसे?” मैंने कहा, “माम पता नहीं जबसे पता चला है कि आप टीचर हैं तो पता नहीं मुझे रोकने वाला कुछ नहीं था इसीलिए जल्दी आया।” कुछ ऐसा ही 1 महीने के बाद मैं वहाँ और छोटे बच्चों के साथ घुल मिल गया। एक राधिका पढ़ाती हुई बोली, “अभी तू हो?” और जाने लगी तो मैंने पूछा कहाँ जा रही हो, माम?
वो मेरे तरफ देखी और शर्म से टॉयलेट में चली गई। जब आई तो बोली, “तुम क्या पूछ रहे थे?” मैंने कहा, “कुछ नहीं” और जताई। बोली, “निशांत तुम्हारे पेपर पास आ रहा है तुम कल से 5 बजे की जगह 4 बजे आना”। मैंने कहा, “ठीक माम”। अगले दिन जब मैं गया तो उसने पिंक रंग का सूट और पिंक रंग की टाइट पजामा पहना हुआ था। मैं उसे देख रहा था कि उसने कैसे लगे हुए हैं इस नए सूट में मेरी मन में माल, चिकनी, दमदार जैसे शब्द आ रहे थे। फिर मैंने कहा, “ब्यूटीफुल लग रही हो”। बीच में पढ़ाई करते समय वो मेरे लिए पानी लाने जैसी ही थी। मैंने हाथ पकड़ना नहीं चाहा लेकिन बाद में।
उससे गिलास छूट गया और मेरी किताबों और जीन्स पर गिर गया। वो माफ़ी मांगते हुए मेरे किताबें हटा रही थीं और मेरे लंड के पास से पानी साफ कर रही थी अपने कोमल हाथों से। मैं बोला, “रहने दो माम, सुख जायेगा”। बोली, “चुप रहो” और उसके बार मेरा लंड के पास हाथ लगाया तो मेरा लंड खड़ा हो गया और उसने साफ करते हुए मेरे लंड को पकड़ लिया और मुस्कुराई और बोली, “तुम अपनी जीन्स उतार कर सुखाओ वरना तुमको कोई बाहर देख लेगा तो क्या बोलोगे?” मैंने कहा, “क्या बोलूंगा?” तो उसने कहा, “वही कि तुमने टॉयलेट किया है” और हंसने लगी। hahahahahaha और मैंने कहा, “लेकिन कोई आ जायेगा और मुझे बिना जीन्स के देख लिया आपके घर में तो फिर क्या करूँगा?” तो बोली, “देखो मेरे पापा और मम्मा दूसरे घर में रहते हैं और इस समय मैं अकेली हूँ इसलिए अभी कोई नहीं आएगा”। फिर मैंने अपनी जीन्स उतारी और मेरा लंड खड़ा हो गया। मैंने जान पूछी कड़ा रखा था जिससे यह मेरा लंड दिखाई दे और ऐसा ही हुआ जीन्स उतारते ही उसकी नजर मेरे लंड पर गई और उसकी आँखें खुली रह गई। मैंने पूछा, “क्या हुआ माम?” उसने कहा, “तुम्हारा कितना बड़ा है”। मैंने कहा, “क्या?” तो बोली, “यह”। मैंने कहा, “यह क्या?” उसने मेरी लंड की तरफ इशारा किया और बोली, “अभी आओ”।
मैं भी टॉयलेट गया तो देखा वहाँ पर व्हाइट पैंटी और ब्रा लटकी थी। मैंने पैंटी सूंघी तो थोड़ी गीली और मनमोहक खुशबू आ रही थी। फिर मैं बाहर गया, मेरा लंड अभी भी तना था वो पढ़ाई करते समय बार-बार मेरे लंड को देख रही थी और अंदर गई और वो मेरे पास जैसे ही आई मैंने उसकी गांड को नीचा रख दिया और अपना पेन उसके गुदा में घुसा दिया और “आहा” कहती हुई खड़ी हो गई और बोली, “क्या कर रहा हो?” तो मैंने कहा, “माम कुछ नहीं”। मेरा पेन उसका नीचे दब गया था वो निकल रहा था। उसने कहा, “अगर मेरे पजामा फट जाती तो”? मैंने कहा, “माफ़ी” और अपने गुदा दिखाते हुए बोली, “देखो कहीं सच में तो नहीं फट गई”। मैंने देखा तो बोली, “हाथ लगाओ देखो”।
मैं समझ गया ये मुझसे चूदना चाहती है। और मैंने ज्यादा ना सोचते हुए उसको बोला, “तंग तो थोड़ी खोल दो ना”। उसने अपनी गांड पीछे करके टांगें खोलीं। मुझे रोकने वाला कुछ नहीं था और मैंने उसकी पजामा के ऊपर से ही अपना मुंह उसके गुदा में घुसा दिया और चटना लगाया। वो “आह, निश, आह” कहती रही। मैं जल्दी से खड़ा होकर उसे किस करना शुरू कर दिया और वो भी मजा ले रही थी। मैंने अपना एक ऊँगली उसके पजामा में घुसाते हुए किस करते हुए दो उँगलियां उसके गुदा में घुसा दी और वो कुछ नहीं बोली क्योंकि उसके होंठ तो मैंने दबा रखे थे। उसने मुझे हटाया और बोली, “जल्दी करो और बच्चे भी आने वाला है”।
उसकी इतना बोलते ही मैंने उसे जल्दी से कमरे में ले गया और दरवाजा बंद कर दिया और उसे पूरी तरह नग्न करके बोला, “जान मेरे लंड को चूसो”। उसने मना कर दिया। मैंने कहा, “अच्छा घोड़ी तो बन जाओ” और वो बन गई। मैंने उसके गुदा पर थूक लगाया और लंड डाला तो बोली, “धीरे से कर प्लीज”। मैंने अपनी दबाव लगाया तो वो चिल्लाई और बोली, “निकालो प्लीज दर्द हो रहा है आहा आहा आहा”। लेकिन मैं रुका नहीं और एक धक्के में मेरा पूरा लंड उसके गुदा में चला गया। हम दोनों थोड़ी देर के लिए रुक गए। फिर मेरा लंड अंदर बाहर होने लगा और वो “आहा आहा आहा आहा आहा” कह रही थी। उसी समय घंटी बज गई और छोटा बच्चा आया था। मैंने और उसने कपड़े पहने और बोली, “माफ़ करो निशांत आज मजा नहीं आया लेकिन अब कब आएगा?” और मुझे किस किया। मेरा लंड खड़ा हो गया तो पहले ही उसे अलग कर दिया। आगे भी कहानी है अगर आपको पसंद आई तो लिखोगे ठीक है?