Bad Mom Xxx Kahani चाची की गालियां
हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम अजय है और में इलाहबाद का रहने वाला हूँ. दोस्तों में आज आप सभी को अपनी एक सच्ची कहानी सुनाने जा रहा हूँ, जिसमें मैंने अपनी चाची को चोदा. मेरी चाची की उम्र करीब 32 साल है और उनके फिगर का आकार 36-28-34 है, वो एकदम सुंदर और सेक्सी है और वो जब भी मटकती हुई चलती है तो उनकी चोली के अंदर से उनके बूब्स उछलते कूदते दिखाई देते है और अपनी बड़ी सी गांड को हिलाकर चलना उनकी एक आदत है. उनकी गांड फुटबॉल की तरह बड़ी है और जब वो बैठती है तो साड़ी उनकी गांड की दरार में घुस जाती है और वो खड़ी होकर उसे बाहर निकालती है.
यह सब नजारे देखकर किसी का भी लंड खड़ा हो सकता है. दोस्तों हम दोनों में बहुत प्यार है. वो मेरी आंटी है, लेकिन आंटी कभी कभी हंसी मज़ाक में मुझे गालियाँ भी देती रहती है तो में उनसे कहता हूँ कि आंटी में तुम्हारे बेटे जैसा हूँ आप मुझे इस तरह गालियाँ नहीं दे सकती. तो वो कहती है कि में तुम्हे कितने प्यार से गाली देती हूँ, इसमे बुरा क्या है? और मेरी मम्मी भी उनका साथ देती थी और अब मेरी तो आदत हो गयी थी उनकी गली सुनने की, लेकिन आजकल आंटी मुझे कहीं भी मिलती तो मुस्कुरा देती और गालियाँ भी दूसरी तरह से देती थी, जैसे कि उन्हे अगर मुझसे मदारचोद बोलना है तो वो बस ‘माँ’ पर ज़्यादा ज़ोर लगाकर बोलती थी और इसका मतलब आंटी जी अब मुझ पर लाइन मार रही थी क्योंकि में उनके बूब्स और गांड को जब भी देखता तो वो मुझे और भी ज्यादा दिखाने की कोशिश किया करती थी और वो अपनी नजर को झुका देती और किसी भी काम में अपने आपको व्यस्त कर लेती, जिससे मुझे लगे कि आंटी व्यस्त है और अब में उनके बूब्स मज़े से देख सकता हूँ.
वो हमेशा मुझे अपनी और आकर्षित करने में लगी रहती और में भी मौके का फायदा उठाकर उनके कामुक जिस्म को देखता रहता हूँ. यह सब कुछ दिनों तक चलता रहा और फिर एक दिन हमारे एक रिश्तेदार के यहाँ पर शादी थी तो मम्मी और पापा शादी में चले गये और दोपहर का समय था तो मेरी दादी माँ भी उस समय कहीं बाहर गई हुई थी. उस समय में घर पर एकदम अकेला था, तो मैंने कमरे का दरवाजा अंदर से बंद किया और अपने कपड़े उतारे और पॉर्न फिल्म स्टार्ट कर दी और बहुत मज़े लेकर फिल्म देखने लगा.
करीब आधे घंटे के बाद एकदम से आंटी चिल्लाई दरवाजा खोलो और फिर मैंने जल्दी से अपने कपड़े पहने और दरवाजा खोला. लेकिन मेरा तनकर खड़ा हुआ लंड कपड़ो के अंदर से भी साफ-साफ नजर आ रहा था जिसको देखकर चाची मन ही मन मुस्कुरा रही थी. फिर उन्होंने मुझसे कहा कि चल बाहर चलकर खाना खा ले और फिर में चुपचाप नीचे सर को झुकाए बाहर चला गया और मेरे खाना खाने के बाद वो जबरदस्ती मेरा हाथ पकड़कर मुझे मेरे कमरे में ले गई. में 21 साल का था, लेकिन आंटी जी मुझसे ज़्यादा ताकतवर और उम्र में बड़ी भी थी.
आंटी : तू अंदर क्या कर रहा था?
में : वो में तो अपनी पढ़ाई कर रहा था.
आंटी : हाँ अभी मैंने कुछ देर पहले खिड़की से तेरी वो पढ़ाई देखी है जिसको तू बहुत मन लगाकर देख रहा था.
में : लेकिन आंटी जी इसमे ग़लत क्या है?
आंटी : हाँ वैसे इसमें ग़लत कुछ नहीं है और में भी कभी कभी मुठ मारती हूँ.
में : लेकिन आप यह सब क्यों करती है क्या अंकल आपको नहीं चोदते?
आंटी : तो मैंने अपने दो बच्चे कैसे पैदा कर दिए?
में : तो में अब क्या कर सकता हूँ.
आंटी : क्या तू अब मुझे भी वो सेक्स वीडियो दिखाएगा?
में : क्यों नहीं चलो आज हम दोनों एक साथ में देखकर मुठ मारते है.
आंटी : चल तो फिर ठीक है.
फिर मैंने एक सेक्सी वीडियो शुरू किया और हम दोनों एकदम नंगे हो गये. दोस्तों आंटी का क्या मस्त जिस्म था? आंटी जी की बड़े बड़े सुंदर बूब्स और उस पर काली काली चूचियां. मेरा तो जी कर रहा था कि अभी दोनों को मुहं में लेकर चूसकर दूध पी लूँ, मुलायम चिकनी जाँघो के बीच फूल जैसी चूत कुछ गीली थी तो जी कर रहा था कि उनकी चूत में अपना 7.5 इंच का लंड एक बार में ही अंदर कर दूँ और फिर में उनको घूर- घूरकर देख रहा था और वो वीडियो देख रही थी.
आंटी : क्यों तुझे में कैसी दिखती हूँ?
में : आंटी जी आप बहुत सुंदर, हॉट, सेक्सी और बहुत बड़ी चुदक्कड़ हो.
आंटी : हाँ, तू भी मुझे ठीक लगता है.
में : आंटी जी क्या में आपको चोद सकता हूँ?
आंटी : साले में आज यहाँ पर तुझसे चुदने ही तो आई हूँ, यह वीडियो तू देख मुझे वो दिखा जो एकदम असली है.
दोस्तों आंटी जी के मुहं से यह जवाब सुनकर में घुटनो के बल बैठकर उनकी चूत को चूसना शुरू कर दिया और मैंने उनकी चूत को फैलाकर उनकी चूत के दाने से खेलने लगा, आंटी जी ऊह्ह्ह्ह आअहह की आईईईईई आवाज़ निकालने लगी.
आंटी : मदारचोद तू यह क्या कर रहा है?
में : चुपकर रंडी साली अभी तुझे में वो मज़ा दूँगा जो तू जिंदगी भर याद रखेगी.
फिर मैंने उनके होंठो को किस किया और उनके मुहं पर कुछ देर रुककर उनकी जीभ को चूसने लगा. हम दोनों की लार मुहं से निकलकर बह रही थी और फिर मैंने कहा कि भोसड़ी चुपचाप अपना मुहं खोल. उसने मुहं खोला और फिर से मैंने अपना थूक उसके मुहं में डाल दिया, वो साली सब निगल गयी और हम लोग फिर किस करने लगे.
इसके बाद में बेड पर बैठ गया और आंटी मेरा लंड चूसने लगी, दोस्तों मुझे इतना मज़ा पहले कभी नहीं आया था और में पूरे जोश में आंटी के मुहं को ही चोदने लगा. आंटी मेरा लंड बाहर निकालना चाहती थी, लेकिन मैंने उनका सर अपने लंड पर दबा लिया, जिसकी वजह से मेरा 7.5 इंच का पूरा लंड आंटी के मुहं में था और आंटी कुछ भी नहीं बोल पा रही थी.
में : चूस साली रंडी, चूस मेरा लंड. पता नहीं कितने लोगों से चूत मरवाई है साली तूने, कुतिया साली चूस मेरा लंड, आज खा जा साली इसे.
आंटी : साले अब मेरी चूत से नहीं रहा जाता, चोद दे मुझे, साले इस तेरी रंडी की चूत में डाल दे अपना लंड.
फिर मैंने उनकी चूत के मुहं पर अपना लंड रखकर एक धक्का मारा, लेकिन लंड एकदम से फिसल गया.
आंटी : साले तेरा लंड मेरी टाईट चूत में घुस नहीं पा रहा है, पहले अपनी माँ की चूत मारकर आ मदारचोद इसके पहले कभी भोसड़ा नहीं मारा क्या?
में : साली मुझे आज तक तेरे जैसी रंडी मिली ही नहीं.
तो इसके बाद आंटी जी ने अपने दोनों पैरों को फैलाया और अपनी चूत को हाथ से खोला फिर मैंने अपना लंड थोड़ा सा अंदर डाला.
आंटी : पूरा डाल साले में तेरा लंड लेने को तड़प रही हूँ, चोद साले, चोदकर दिखा मुझे अपने लंड का दम.
तो मैंने एक ज़ोरदार झटका मारा और लंड, चूत को चीरता हुआ एकदम से पूरा का पूरा अंदर घुस गया.
में : बहुत मज़ा आ रहा है रंडी तुझे चोदने में, वाह तेरी चूत बहुत मस्त है साली कुतिया.
आंटी : कुत्ते तुझसे चुदकर मुझे ज़्यादा मज़ा आ रहा है क्योंकि तेरा लंबा लंड मेरी चूत के अंदर तक चला जाता है और मेरा तो जी करता है कि में अब तुझसे ही शादी कर लूँ.
में : तू शादी कर या ना कर अब तो तेरी चूत का मालिक मेरा लंड ही है, में तुझे चोद चोदकर तेरी चाल बदल दूँगा और आने वाले 9 महीने में तुझे एक प्यारा बच्चा भी दूँगा.
तो इसके बाद 20 मिनट तक लगातार धक्के देकर चोदने के बाद मैंने अपना वीर्य उसकी चूत में डाल दिया.
आंटी : साले क्या अपनी माँ को चोदेगा?
में : हाँ, क्या चाल है उसकी, गांड हिला हिलाकर चलती है. मेरा तो दिल तो करता है कि गांड मार लूँ रंडी की, लेकिन उसे पटाएगा कौन?
आंटी : तू आने दे उसे वो एकदम पटी हुई है और हम दोनों हमेशा तेरा ही लंड याद करके मुठ मारते थे.
में : तो इसका मतलब यह है कि मेरी माँ भी एक रंडी है?
आंटी : हाँ मुझसे ज़्यादा तो वो चुदती है और में तुझे पटाने के लिए ही गालियां देती थी और फिर आख़िर में मैंने तुझे पटा ही लिया.
में : में भी तो तुम दोनों को चोदना चाहता था, लेकिन बहुत डरता था.
तो कुछ देर के बाद आंटी उठी कपड़े पहने और मेरे कमरे से बाहर चली गई और में उठकर सीधा बाथरूम में नहाने चला गया, लेकिन उस रात मैंने उनको सोच सोचकर दो बार मुठ मारी और अपनी माँ की चुदाई की सोचने लगा. फिर मैंने आंटी की मदद से
यह सब नजारे देखकर किसी का भी लंड खड़ा हो सकता है. दोस्तों हम दोनों में बहुत प्यार है. वो मेरी आंटी है, लेकिन आंटी कभी कभी हंसी मज़ाक में मुझे गालियाँ भी देती रहती है तो में उनसे कहता हूँ कि आंटी में तुम्हारे बेटे जैसा हूँ आप मुझे इस तरह गालियाँ नहीं दे सकती. तो वो कहती है कि में तुम्हे कितने प्यार से गाली देती हूँ, इसमे बुरा क्या है? और मेरी मम्मी भी उनका साथ देती थी और अब मेरी तो आदत हो गयी थी उनकी गली सुनने की, लेकिन आजकल आंटी मुझे कहीं भी मिलती तो मुस्कुरा देती और गालियाँ भी दूसरी तरह से देती थी, जैसे कि उन्हे अगर मुझसे मदारचोद बोलना है तो वो बस ‘माँ’ पर ज़्यादा ज़ोर लगाकर बोलती थी और इसका मतलब आंटी जी अब मुझ पर लाइन मार रही थी क्योंकि में उनके बूब्स और गांड को जब भी देखता तो वो मुझे और भी ज्यादा दिखाने की कोशिश किया करती थी और वो अपनी नजर को झुका देती और किसी भी काम में अपने आपको व्यस्त कर लेती, जिससे मुझे लगे कि आंटी व्यस्त है और अब में उनके बूब्स मज़े से देख सकता हूँ.
वो हमेशा मुझे अपनी और आकर्षित करने में लगी रहती और में भी मौके का फायदा उठाकर उनके कामुक जिस्म को देखता रहता हूँ. यह सब कुछ दिनों तक चलता रहा और फिर एक दिन हमारे एक रिश्तेदार के यहाँ पर शादी थी तो मम्मी और पापा शादी में चले गये और दोपहर का समय था तो मेरी दादी माँ भी उस समय कहीं बाहर गई हुई थी. उस समय में घर पर एकदम अकेला था, तो मैंने कमरे का दरवाजा अंदर से बंद किया और अपने कपड़े उतारे और पॉर्न फिल्म स्टार्ट कर दी और बहुत मज़े लेकर फिल्म देखने लगा.
करीब आधे घंटे के बाद एकदम से आंटी चिल्लाई दरवाजा खोलो और फिर मैंने जल्दी से अपने कपड़े पहने और दरवाजा खोला. लेकिन मेरा तनकर खड़ा हुआ लंड कपड़ो के अंदर से भी साफ-साफ नजर आ रहा था जिसको देखकर चाची मन ही मन मुस्कुरा रही थी. फिर उन्होंने मुझसे कहा कि चल बाहर चलकर खाना खा ले और फिर में चुपचाप नीचे सर को झुकाए बाहर चला गया और मेरे खाना खाने के बाद वो जबरदस्ती मेरा हाथ पकड़कर मुझे मेरे कमरे में ले गई. में 21 साल का था, लेकिन आंटी जी मुझसे ज़्यादा ताकतवर और उम्र में बड़ी भी थी.
आंटी : तू अंदर क्या कर रहा था?
में : वो में तो अपनी पढ़ाई कर रहा था.
आंटी : हाँ अभी मैंने कुछ देर पहले खिड़की से तेरी वो पढ़ाई देखी है जिसको तू बहुत मन लगाकर देख रहा था.
में : लेकिन आंटी जी इसमे ग़लत क्या है?
आंटी : हाँ वैसे इसमें ग़लत कुछ नहीं है और में भी कभी कभी मुठ मारती हूँ.
में : लेकिन आप यह सब क्यों करती है क्या अंकल आपको नहीं चोदते?
आंटी : तो मैंने अपने दो बच्चे कैसे पैदा कर दिए?
में : तो में अब क्या कर सकता हूँ.
आंटी : क्या तू अब मुझे भी वो सेक्स वीडियो दिखाएगा?
में : क्यों नहीं चलो आज हम दोनों एक साथ में देखकर मुठ मारते है.
आंटी : चल तो फिर ठीक है.
फिर मैंने एक सेक्सी वीडियो शुरू किया और हम दोनों एकदम नंगे हो गये. दोस्तों आंटी का क्या मस्त जिस्म था? आंटी जी की बड़े बड़े सुंदर बूब्स और उस पर काली काली चूचियां. मेरा तो जी कर रहा था कि अभी दोनों को मुहं में लेकर चूसकर दूध पी लूँ, मुलायम चिकनी जाँघो के बीच फूल जैसी चूत कुछ गीली थी तो जी कर रहा था कि उनकी चूत में अपना 7.5 इंच का लंड एक बार में ही अंदर कर दूँ और फिर में उनको घूर- घूरकर देख रहा था और वो वीडियो देख रही थी.
आंटी : क्यों तुझे में कैसी दिखती हूँ?
में : आंटी जी आप बहुत सुंदर, हॉट, सेक्सी और बहुत बड़ी चुदक्कड़ हो.
आंटी : हाँ, तू भी मुझे ठीक लगता है.
में : आंटी जी क्या में आपको चोद सकता हूँ?
आंटी : साले में आज यहाँ पर तुझसे चुदने ही तो आई हूँ, यह वीडियो तू देख मुझे वो दिखा जो एकदम असली है.
दोस्तों आंटी जी के मुहं से यह जवाब सुनकर में घुटनो के बल बैठकर उनकी चूत को चूसना शुरू कर दिया और मैंने उनकी चूत को फैलाकर उनकी चूत के दाने से खेलने लगा, आंटी जी ऊह्ह्ह्ह आअहह की आईईईईई आवाज़ निकालने लगी.
आंटी : मदारचोद तू यह क्या कर रहा है?
में : चुपकर रंडी साली अभी तुझे में वो मज़ा दूँगा जो तू जिंदगी भर याद रखेगी.
फिर मैंने उनके होंठो को किस किया और उनके मुहं पर कुछ देर रुककर उनकी जीभ को चूसने लगा. हम दोनों की लार मुहं से निकलकर बह रही थी और फिर मैंने कहा कि भोसड़ी चुपचाप अपना मुहं खोल. उसने मुहं खोला और फिर से मैंने अपना थूक उसके मुहं में डाल दिया, वो साली सब निगल गयी और हम लोग फिर किस करने लगे.
इसके बाद में बेड पर बैठ गया और आंटी मेरा लंड चूसने लगी, दोस्तों मुझे इतना मज़ा पहले कभी नहीं आया था और में पूरे जोश में आंटी के मुहं को ही चोदने लगा. आंटी मेरा लंड बाहर निकालना चाहती थी, लेकिन मैंने उनका सर अपने लंड पर दबा लिया, जिसकी वजह से मेरा 7.5 इंच का पूरा लंड आंटी के मुहं में था और आंटी कुछ भी नहीं बोल पा रही थी.
में : चूस साली रंडी, चूस मेरा लंड. पता नहीं कितने लोगों से चूत मरवाई है साली तूने, कुतिया साली चूस मेरा लंड, आज खा जा साली इसे.
आंटी : साले अब मेरी चूत से नहीं रहा जाता, चोद दे मुझे, साले इस तेरी रंडी की चूत में डाल दे अपना लंड.
फिर मैंने उनकी चूत के मुहं पर अपना लंड रखकर एक धक्का मारा, लेकिन लंड एकदम से फिसल गया.
आंटी : साले तेरा लंड मेरी टाईट चूत में घुस नहीं पा रहा है, पहले अपनी माँ की चूत मारकर आ मदारचोद इसके पहले कभी भोसड़ा नहीं मारा क्या?
में : साली मुझे आज तक तेरे जैसी रंडी मिली ही नहीं.
तो इसके बाद आंटी जी ने अपने दोनों पैरों को फैलाया और अपनी चूत को हाथ से खोला फिर मैंने अपना लंड थोड़ा सा अंदर डाला.
आंटी : पूरा डाल साले में तेरा लंड लेने को तड़प रही हूँ, चोद साले, चोदकर दिखा मुझे अपने लंड का दम.
तो मैंने एक ज़ोरदार झटका मारा और लंड, चूत को चीरता हुआ एकदम से पूरा का पूरा अंदर घुस गया.
में : बहुत मज़ा आ रहा है रंडी तुझे चोदने में, वाह तेरी चूत बहुत मस्त है साली कुतिया.
आंटी : कुत्ते तुझसे चुदकर मुझे ज़्यादा मज़ा आ रहा है क्योंकि तेरा लंबा लंड मेरी चूत के अंदर तक चला जाता है और मेरा तो जी करता है कि में अब तुझसे ही शादी कर लूँ.
में : तू शादी कर या ना कर अब तो तेरी चूत का मालिक मेरा लंड ही है, में तुझे चोद चोदकर तेरी चाल बदल दूँगा और आने वाले 9 महीने में तुझे एक प्यारा बच्चा भी दूँगा.
तो इसके बाद 20 मिनट तक लगातार धक्के देकर चोदने के बाद मैंने अपना वीर्य उसकी चूत में डाल दिया.
आंटी : साले क्या अपनी माँ को चोदेगा?
में : हाँ, क्या चाल है उसकी, गांड हिला हिलाकर चलती है. मेरा तो दिल तो करता है कि गांड मार लूँ रंडी की, लेकिन उसे पटाएगा कौन?
आंटी : तू आने दे उसे वो एकदम पटी हुई है और हम दोनों हमेशा तेरा ही लंड याद करके मुठ मारते थे.
में : तो इसका मतलब यह है कि मेरी माँ भी एक रंडी है?
आंटी : हाँ मुझसे ज़्यादा तो वो चुदती है और में तुझे पटाने के लिए ही गालियां देती थी और फिर आख़िर में मैंने तुझे पटा ही लिया.
में : में भी तो तुम दोनों को चोदना चाहता था, लेकिन बहुत डरता था.
तो कुछ देर के बाद आंटी उठी कपड़े पहने और मेरे कमरे से बाहर चली गई और में उठकर सीधा बाथरूम में नहाने चला गया, लेकिन उस रात मैंने उनको सोच सोचकर दो बार मुठ मारी और अपनी माँ की चुदाई की सोचने लगा. फिर मैंने आंटी की मदद से