Padosan Jawan Sex Kahani बीवी की एक कामुक दोस्त को चोदा
हैल्लो दोस्तों, मेरा नाम विशाल है और मेरी उम्र 35 साल है, में दिल्ली का रहने वाला हूँ. दोस्तों में आप सभी के सामने अपनी एक सच्ची कहानी लेकर आया हूँ. तो दोस्तों अपनी आज की कहानी शुरू करने से पहले में आप सभी को रुची के बारे में बताना चाहूँगा, रुची एक 35 साल की शादीशुदा औरत है और वो मेरी पत्नी की स्कूल के टाइम से ही बहुत अच्छी दोस्त है.
रुची की हाईट 5.5 है और रंग थोड़ा सा गेहुँआ है, उसके फिगर का साईज 36-28-36 है रुची एक फिटनेस फ्रीक लेडी है और उसको फिट और शेप में रहना पसंद है वो हर रोज जिम जाती है और उसने अपने शरीर को बहुत सम्भाल कर रखा है वो हमेशा से स्वीमिंग और योगा भी करती रही है और लगातार पार्लर भी जाया करती है इसलिए वो बहुत ही सुंदर और सेक्सी दिखती है.
रुची हमेशा उत्तेजक तरीके से कपड़े पहनती है वो टाईट फिटिंग के टॉप्स और शर्ट् पहनती है जिसका गला बहुत गहरा होता है और उसके 36 साईज़ के बूब्स मस्त नज़र आते है और वो अधिकतर छोटी स्कर्ट पहनती है, जिसमें उसकी सेक्सी मस्त जांघे बहुत अच्छी लगती है और जब वो साड़ी पहनती है तो उसे भी बहुत सेक्सी अंदाज़ में बिना बाँह का, गहरे गले का और पीछे खुले हुए ब्लाउज के साथ पहनती है और उसकी साड़ी भी ज्यादातर जालीदार होती है और वो उसे अपने पेट पर नाभि से बहुत नीचे बाँधती है.
दोस्तों रुची जितनी सेक्सी और सुंदर है उसका पति उतना ही मोटा काला और भद्दा सा है, लेकिन जहाँ तक मुझे पता है कि रुची और उसके पति का रिश्ता बहुत अच्छा है वो शायद इसलिए क्योंकि उसका पति उसको बहुत अच्छी तरह चोदता होगा और अपने लंड से संतुष्ट रखता होगा? दोस्तों में अपनी पत्नी के साथ दिल्ली में ही रहता था और रुची अभी पिछले साल ही अपने पति के साथ दिल्ली आ गई थी. दोस्तों रुची से में पहली बार पिछले साल मिला था जब वो अपनी दोस्त से मिलने मेरे घर आई थी, उस दिन रविवार का दिन था और हमे ऑफिस नहीं जाना था और रुची अपनी पुरानी स्कूल टाईम की दोस्त से मिलने हमारे घर पर आई हुई थी.
वो सुबह से ही आ गई थी और सारा दिन मेरी पत्नी के साथ हमारे घर पर थी और अब धीरे धीरे हम दोनों परिवार में भी बहुत अच्छी दोस्ती और पिछले एक साल में बहुत मिलना जुलना हो गया था. दोस्तों रुची के लिए मेरे मन में पहले दिन से ही उसकी चुदाई का विचार था और जब भी में उसे देखता तो बस अपना लंड मसलकर रह जाता और उसको सोच सोचकर अपनी पत्नी को चोदता था, लेकिन वो मेरी पत्नी की एक बहुत अच्छी दोस्त थी और अब उसका पति भी मेरा बहुत अच्छा दोस्त बन गया था इसलिए कोई भी रुची की तरफ मेरे झुकाव को ज्यादा मन में नहीं ले सकता था और फिर यह बात मुझे बाद में पता चली कि रुची के मन में भी मेरे लिए कुछ ऐसी ही सोच थी.
दोस्तो में आपको अपने बारे में भी थोड़ा बता दूँ कि में भी किसी से कम नहीं हूँ, मेरी हाईट 5.11 है और मेरा शरीर एकदम फिट और में भी हर रोज एक्सर्साइज़ करके अपने आपको फिट रखता हूँ और मेरी उम्र 35 साल है. में आजकल के लड़कों की तरह नहीं दिखता बल्कि एक लंबा चौड़ा मर्द दिखता हूँ और मेरे अंदाज़ भी बहुत मर्दाना है. मेरा 9 इंच लंबा और मोटा लंड किसी भी चूत को अच्छी तरह संतुष्ट करने के लिए बहुत है. अब धीरे धीरे मेरे और रुची के बीच बहुत अच्छी बातचीत होने लगी थी और हम लोग अक्सर व्हाटसप पर ही हैल्लो करते थे. मैसेज और चुटकुले एक दूसरे को दिया करते थे और फिर धीरे धीरे हम नॉनवेज मैसेज भी देने लगे थे. हमारे बीच का रिश्ता बहुत ही अच्छा और दोस्तों जैसा हो गया था. दोस्तों मेरे ऑफिस में मेरी एक गर्लफ्रेंड है जिसे में अक्सर ऑफिस टाईम में बाहर घुमाने फिराने और चोदने के लिए बाहर ले जाता हूँ, उसे दिन शुक्रवार था और मेरी गर्लफ्रेंड को आधे दिन के बाद छुट्टी पर जाना था. तो हमने प्लान बनाया कि हम सेलेक्ट सिटी मॉल जाकर थोड़ी देर घूमेंगे फिर लंच करेंगे और फिर मेरी गर्लफ्रेंड वहाँ से अपने घर पर निकल जाएगी और में या तो ऑफिस वापस आ जाऊंगा, नहीं तो अपने घर पर चला जाऊंगा.
हम लोग ठीक 12 बजे मॉल पहुँचे और थोड़ी देर घूमने के बाद हमने एक बजे लंच किया. फिर मेरी गर्लफ्रेंड को कहीं जाना था इसलिए मैंने माल के बाहर उसे बाय कहा और जैसे ही में वापस मुड़ा तो मुझे किसी लड़की ने आवाज़ दी और जब मैंने आवाज़ की दिशा में मुड़कर देखा तो मेरे सामने रुची खड़ी हुई थी. मैंने उसको स्माइल दी और उसकी तरफ गया. दोस्तों उसने उस दिन एक हरे कलर की जालीदार साड़ी पहनी हुई थी और उसके साथ उसी कलर का बिना बाह का बड़ा गला और पीछे से बिल्कुल खुला हुआ ब्लाउज पहना हुआ था और फिर मैंने जब उसकी तरफ देखा तो बस में देखता ही रह गया.
रुची : हाय विशाल, कैसे हो तुम?
में : में बिल्कुल ठीक हूँ रुची आप कैसी हो? बहुत दिनों बाद मिली हो, तुमको देखकर अच्छा लगा.
रुची : में ठीक हूँ और मुझे भी बहुत अच्छा लगा तुमसे मिलकर.
में : तुम क्या यहाँ पर अकेली आई हो? और तुम्हारे पतिदेव कहाँ है?
रुची : नहीं, में अकेली आई हूँ. पतिदेव आज कल काम के सिलसिले में दो सप्ताह के लिए हैदराबाद गए हुए है, में अकेली घर पर अकेली बोर हो रही थी तो शॉपिंग करने यहाँ चली आई.
में : अच्छा ठीक है चलो ना कहीं बैठकर कॉफी पीते है और बातें करते है.
रुची : हाँ चलो ठीक है.
फिर हम लोग पास ही के एक रेस्टोरेंट में जाकर बैठ गए और फिर कॉफी पीते हुए इधर उधर की बातें करने लगे और फिर कुछ देर बाद उसने बातों ही बातों में मुझसे पूछा कि बताओ तुम यहाँ पर क्या कर रहे हो? और कौन थी वो हॉट लड़की जिसको तुम हाए हैल्लो कर रहे थे?
में : कौन सी लड़की?
रुची : अब ज्यादा बनो मत, में बहुत देर से तुम दोनों को देख रही थी, लेकिन तुम्हे बीच में परेशान नहीं किया. तुम बहुत ही चिपक चिपककर घूम रहे थे उसके साथ और उसे तुमने गले मिलकर बाय कहा, पक्का वो तुम्हारी गर्लफ्रेंड होगी. तुम अक्सर उसके साथ ऐसे ही घूमते हो क्या?
में : नहीं नहीं रुची, ऐसा कुछ भी नहीं है, वो तो बस ऐसे ही ऑफिस की एक लड़की थी और उसके आलावा कुछ नहीं है हमारे बीच.
रुची : मुझे मत बनाओ, में सब समझती हूँ, डरो मत और ज्यादा टेंशन मत लो और भी मज़े करो क्योंकि में कभी भी तुम्हारी पत्नी से इस बारे में कुछ भी नहीं कहूँगी.
में : क्या सच? तुम्हारा बहुत धन्यवाद रुची.
रुची : अच्छा हुआ तुम मिल गए, क्योंकि मेरे ड्राइवर के यहाँ किसी रिश्तेदार की शादी है तो वो भी मुझे यहाँ पर छोड़ने के बाद तीन दिन के छुट्टी पर चला गया और अब में कोई टेक्सी बुलाने की सोच रही थी, लेकिन अब तुम मिल गये हो तो मुझे घर तक तो छोड़ ही दोगे.
में : हाँ हाँ मुझे इसमें कोई भी आपत्ति नहीं है और में तुमको तुम्हारे घर पर छोड़ दूँगा.
रुची : तुम्हारा बहुत बहुत धन्यवाद.
में : तो तुम क्या खरीद रही थी और तुमने क्या क्या शॉपिंग की?
रुची : कुछ खास नहीं बस घर पर अगले महीने एक छोटा सा समारोह है तो मैंने उसके लिए कुछ ड्रेस, साड़ी और ब्लाउज लिए है.
में : वाउ, रुची तुम साड़ी में बहुत दी शानदार लगती हो तुम्हारा फिगर साड़ी के लिए एकदम ठीक है. तुम दूसरी ड्रेस में भी बहुत अच्छी लगती हो, लेकिन साड़ी में कुछ ज्यादा ही अच्छी लगती हो और तुम को याद है पिछली बार पार्टी में तुम्हे जब हम मिले थे तब तुमने काली और सिल्वर कलर की साड़ी पहनी हुई थी और तुम उसमे बहुत ही अच्छी लग रही थी और पार्टी में सब लोग तुम्हे ही देख रहे थे और तुम्हारे साथ रहना चाहते थे.
रुची : अच्छा, और तुम क्या चाहते थे?
में : में भी तुम्हारे साथ रहना चाहता था और तुम को सबसे दूर अकेले में ले जाना चाहता था.
रुची : हाहाहा ठीक है चलो अब यहाँ से चलते है.
फिर मैंने रुची के शॉपिंग बेग ले लिए और हम नीचे पार्किंग की तरफ चल दिए और गाड़ी के पास पहुँचकर मैंने उसका सामान पीछे की सीट पर फैंक दिया और कार का दरवाज़ा खोलकर उसे अंदर बैठाया फिर हम दोनों गाड़ी में उसके घर की तरफ चल पड़े.
रुची: तो तुम अभी कुछ देर पहले कह रहे थे कि में साड़ी में बहुत अच्छी लगती हूँ और उस दिन पार्टी में भी में बहुत अच्छी लग रही थी, लेकिन मैंने आज भी तो साड़ी पहनी हुई है, लेकिन आज के बारे में तुमने मुझसे कुछ नहीं कहा. क्यों आज में अच्छी नहीं लग रही क्या?
में : नहीं ऐसी कोई बात नहीं है, तुम आज भी बहुत अच्छी लग रही हो और आज तो तुम उस दिन से भी ज्यादा शानदार लग रही हो.
रुची : हाँ तभी तुम कॉफी टेबल पर मुझे ऊपर से नीचे तक भूखी नज़रों से घूरे जा रहे थे. वैसे तुम बहुत शरारती हो, बीवी और गर्लफ्रेंड से दिल नहीं भरता क्या तुम्हारा?
तभी मैंने रुची के घर के पास पहुँचकर गाड़ी को रोक दिया.
रुची : आ जाओ ऊपर आ जाओ, थोड़ी देर बैठो मेरे साथ, एक कॉफी और पीते है.
में : नहीं में अब घर पर चलता हूँ कॉफी पीने फिर कभी आऊंगा.
रुची : क्यों? अब ज्यादा नाटक मत करो, तुम्हे कहाँ जाना है और ऐसा क्या जरूरी काम है? थोड़ी देर रुककर चले जाना में भी घर पर बिल्कुल अकेली हूँ आजकल और बहुत बोर हो रही हूँ, तुम्हारे साथ मेरा भी थोड़ा टाईम पास हो जायेगा.
में : चलो ठीक है अगर तुम इतना कहती हो तो में अंदर चलता हूँ.
फिर घर पर पहुँचकर रुची ने अपने शॉपिंग बॅग्स मुझसे ले लिए और मुझे बैठने के लिए कहा में रूम में बैठ गया और वो किचन से पानी लेकर आई. हमने पानी पिया और वो सामने के सोफे पर बैठ गई, सोफे पर बैठकर रुची ने धीरे से अपनी साड़ी को अपनी छाती से ढलका दिया और फिर में उसके बदन को कामुक नज़रों से देखने लगा. एकदम टाईट और गहरे गले के ब्लाउस में से उसके बूब्स बाहर आने को बेताब थे. उसके सेक्सी पतली कमर और गहरी नाभि को देखकर किसी का भी लंड एकदम पूरा टाईट और पूरा लंबा खड़ा हो जाता और बिल्कुल यही मेरे साथ हुआ और मेरा लंड था भी 9 इंच का, मेरी पेंट के अंदर पूरा तनकर खड़ा था और खड़े हुए लंड का उभार छुपाना बिल्कुल मुश्किल था और अब में और रुची आमने सामने बैठे हुए थे. में उसकी कमर, नाभि और छाती को देख रहा था और वो मेरे लंड को. रुची भी इन सब बातों को सोचकर गरम हो रही थी और अब उसके निप्पल बहुत टाईट हो रहे थे.
वो धीरे धीरे गहरी गहरी और लंबी लंबी सांसे ले रही थी, जिससे उसके बूब्स बड़े ही आराम से ऊपर नीचे हो रहे थे और मुझे उन्हे देखकर ऐसा लग रहा था कि उसके बूब्स कभी भी ब्लाउज को फाड़कर बाहर आ जाएगें और थोड़ी देर हम लोग ऐसे ही एक दूसरे को देखते हुए खोए हुए बिल्कुल शांत बैठे रहे फिर आख़िर में रुची ने अपनी चुप्पी तोड़ी.
रुची : में कॉफी बनाकर लाती हूँ.
में : छोड़ो ना, रहने दो कॉफी क्या करना है? अभी तो पी थी.
रुची : क्यों क्या हुआ? चलो कोई नहीं, में समझ गई?
में : क्या समझ गई?
रुची : यही कि तुम नहीं चाहते कि में तुम्हारे सामने से उठकर कहीं भी जाऊँ.
में : हाँ, तुमने बिल्कुल ठीक ही समझा.
रुची : तुमको ऐसे मज़ा मिल रहा है ना, क्या चाहते हो खुलकर बताओ? तुम्हारे दिमाग में क्या है और में तुम्हारी बीवी को कभी कुछ नहीं कहूँगी तुम मुझसे कुछ भी कह सकते हो और तुम मुझे पर पूरा विश्वास कर सकते हो.
में : (अपने लंड को मसलते हुए) क्या बोलूं? बस यही है कि तुम बहुत सेक्सी लग रही हो.
रुची : क्या और भी देखना चाहते हो? में जो ड्रेस लाई हूँ वो में अभी तुमको पहनकर दिखाती हूँ.
तो यह कहकर रुची ने शॉपिंग बेग का सामान टेबल पर रख दिया, उसमें दो ब्लाउज एक काला और एक लाल कलर का था, लेकिन एक काली बिकिनी टाईप थी.
रुची : चलो में तुम को यह काला ब्लाउज पहनकर दिखाती हूँ.
में : चलो ठीक है.
दोस्तों यह बात कहकर रुची ने वो काला वाला ब्लाउज उठाया और अंदर बेडरूम में चली गई और जब वो वापस आई तो उसके जिस्म पर साड़ी नहीं थी, उसने सिर्फ़ पहले वाला पेटीकोट पहना हुआ था और काले कलर का नया वाला ब्लाउज पहना हुआ था.
रुची : क्यों मुझ पर कैसा लग रहा है यह ब्लाउज?
में : (लंड मसलते हुए) बहुत ही हॉट, सेक्सी.
रुची : अब यह लाल वाला पहनकर आती हूँ.
में : ठीक है.
दोस्तों रुची जब लाल कलर का ब्लाउज पहन कर आई तो वो पीछे से पूरा खुला हुआ था और थोड़ा साईज़ की वजह से वो बंद नहीं हो रहा था.
रुची : देखो ना यह ग़लत आ गया है मुझसे तो यह बंद ही नहीं हो रहा.
में : चलो छोड़ो ना इसे, तुम दूसरा पहनकर देखो.
रुची : दूसरा क्या? यह बिकिनी है क्या तुम सही में चाहते हो कि में यह तुम्हारे सामने पहनकर दिखाऊँ? रूको में अभी यह पहन कर आती हूँ, तुम्हारे लिए तो में पूरी नंगी भी हो सकती हूँ.
दोस्तों सच कहूँ तो रुची जब वो बिकिनी पहनकर आई तो में सोफे से उठकर अपना लंड पकडकर खड़ा हो गया और फटी आँखों से उसके बदन को घूरने लगा और पेंट के ऊपर से अपना लंड सहलाने लगा.
में : वाह तुम बहुत सेक्सी लग रही हो और अब में तुमको घूरना कंट्रोल नहीं कर सकता.
रुची : हाँ वो तो मुझे दिख ही रहा है जिस तरह से तुम मुझे देख रहे हो.
में : हाँ और क्या?
रुची : वो क्या है? (रुची ने मेरे लंड की तरफ इशारा किया जिसे में सहला रहा था)
में : सॉरी और फिर मैंने लंड से अपना हाथ हटा लिया.
रुची : सॉरी बोलने की क्या ज़रूरत है करते रहो में कुछ नहीं कहूंगी.
में : क्या करता रहूं?
रुची : वही जो इतनी देर से मुझे देखकर कर रहे हो और मसलते रहो अपना लंड मुझे देखकर. मुझे पता है कि में बहुत सेक्सी हूँ और अब इस समय हम दोनों यहाँ पर बिल्कुल अकेले है तो फिर ले लो मज़े, किसने रोका है तुमको कुछ भी करने से.
में : तुम अभी बोलकर गई थी कि मेरे लिए नंगी हो सकती हो.
रुची : हाँ ठीक है, लेकिन में पहले से ही आधी नंगी हूँ, अब पहले तुम अपने कपड़े उतारो और अगर में अपने हाथों से तुम्हारे कपड़े उतार दूं तो? मुझे तुमको नंगा करने में बहुत मज़ा आएगा.
में : तुम मेरे साथ कुछ भी करो में कुछ नहीं कहूँगा.
रुची : चलो फिर बेडरूम में चलते है.
में : ठीक है.
फिर बेडरूम में जा कर रुची ने एक एक करके मेरे सारे कपड़े उतार दिए और में अब उसके सामने सिर्फ़ अंडरवियर में था और फिर रुची ने अपनी ब्रा को भी उतार दिया और एक तरफ उछाल दिया फिर वो मेरे पास आई और मेरे लंड को अंडरवियर के ऊपर से ही पकड़ कर मसलने लगी. मैंने रुची को अपनी तरफ खींचा और अपने होंठो को उसके होंठ पर रख दिए और किस करने लगा और मैंने उसको एक लंबा किस दिया. मेरी पकड़ बहुत मजबूत थी मेरा और रुची का हग अब और भी टाईट होता जा रहा था मैंने रुची के होंठ, गाल, गर्दन और बूब्स के ऊपर किस करना शुरू कर दिया.
में : आ जाओ रुची, ले लो मेरा लंड, में तुम को हमेशा से चाहता था. मुझे कब से तुम्हारी लेनी थी, लेकिन आज मौका मिल ही गया. तुम्हारा बहुत धन्यवाद मुझे यह मज़ा देने के लिए, तुम बहुत अच्छी हो, में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ रुची.
अब रुची ने अपने आप को पूरी तरह मुझे सोंप दिया. में उसके पूरे शरीर पर हाथ फेर रहा था और उसे जोश में आकर उसके पूरे शरीर पर किस कर रहा था मेरे मन की इच्छा आज सच हो रही थी और अब मुझे किसी बात की परवाह नहीं थी. तो मैंने अपना एक हाथ रुची के बूब्स पर रख दिया और धीरे धीरे दबाना करना शुरू किया और ब्लाउज के ऊपर से उसके निप्पल ढूंढने लगा. निप्पल मिलते ही मैंने उन्हे धीरे से प्यार के सहला दिया और अब रुची धीरे धीरे मोन करने लगी. फिर रुची ने भी मेरी जांघो पर हाथ फेरना शुरू किया और मेरे अंडरवियर के ऊपर से मेरे लंड के आकार को महसूस कर रही थी और फिर मैंने रूची की ब्रा का हुक खोल दिया और ब्रा को बूब्स के ऊपर से हटा दिया. उसके मुलायम बूब्स और गहरे गुलाबी निप्पल को देखकर मेरे मुहं से आह निकल गई.
में : रुची तुम्हारी बॉडी और फिगर मेरी सोच से कहीं ज्यादा मजेदार है. तुम्हारी त्वचा कितनी मुलायम और तुम्हारा जिस्म जो मुझे मज़ा दे रहा है, वो आज तक कभी किसी ने नहीं दिया.
फिर मैंने रुची को उठाया और बेड पर लेटा दिया और उसकी पेंटी को भी उतार दिया. फिर मैंने अपनी अंडरवियर को भी उतार दिया. में भी बेड के ऊपर बैठ गया और आज हमारे नंगे बदन पहली बार मिल रहे थे. हम दोनों के बदन में एक अजीब सी झुरझुरी हो रही थी. मैंने रुची को अपने पास में लेटाया और उसे बाहों में लेकर फिर से होंठो किस करने लगा. अब रुची ने भी मेरा साथ दिया और मेरी जीभ को अपने मुहं में ले लिया. किस करते हुए मैंने फिर से उसके बूब्स को एक एक करके मसलने लगा और धीरे धीरे दबाना शुरू कर दिया. रुची धीरे धीरे अपने मुहं से मोनिंग की आवाज़ निकालने लगी. फिर में धीरे धीरे नीचे सरका और रुची के बूब्स सक करने लगा और दूसरे हाथ से उसकी चूत रगड़ने लगा. अब पूरा कमरा मेरी और रुची की मोनिंग की आवाज़ से गूँज रहा था आहहहह आईईईईइ आहहहह उह्ह्ह्हह्ह.
रुची : में भी तुमसे बहुत प्यार करती हूँ विशाल और में भी बहुत समय से तुम्हारे साथ यह सब करना चाहती थी. प्लीज़ ले लो अब मेरी विशाल. में अब और नहीं रुक सकती, प्लीज़ ले लो मेरी, प्लीज़ अब चोद दो मुझे.
में : हाँ रुची, में हमेशा से तुमको चोदना चाहता था. में आज तुम्हारी लूँगा रुची और अब ज़रूर लूँगा, में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ रुची, में तुम्हारी चूत को भी बहुत प्यार करता हूँ, आज में खा जाऊंगा तुम्हारी चूत को.
दोस्तों में अभी भी उसके बूब्स चूस कर रहा था और चूत को घिस रहा था.
रुची : प्लीज़ विशाल अब लंड डालो ना मेरी चूत के अंदर, में अब नहीं रुक सकती आहहहह उह्ह्ह्हह्ह प्लीज़ अब आ जाओ, अब डाल दो मेरे अंदर.
मैंने अब सक कर करना और रब करना बंद किया और रुची को सीधा लेटाया और एक तकिया उसके कूल्हों के नीचे लगाया और फिर उसके पैरों को धीरे से फैलाकर अपने आप को उसके पैरों के बीच सेट किया. तो रुची ने अपने पैरों को उठाकर मुझे लपेटकर अपनी तरफ खींच लिया, मैंने अपने लंड का टोपा उसकी चूत पर रखा और रगड़ने लगा. में ऐसे थोड़ी देर अपना लंड उसकी चूत के होंठो पर रगड़ता रहा और वो मोन कर रही थी.
रुची : विशाल प्लीज़ अब अंदर डाल भी दो ना अब और मत तरसाओ प्लीज़ इसको अंदर डालो और मुझे चोद दो, चोदो मुझे विशाल, मुझे आज ज़ोर से चोदो मसल डालो.
फिर मैंने अपने लंड को धीरे से चूत पर दबा दिया और अब मेरा लंड थोड़ा सा रुची की चूत के अंदर चला गया, रुची के मुहं से एक आआहह आईईईई की आवाज निकल गई. तो मैंने थोड़ा सा और धक्का दिया और पूरा का पूरा लंड रुची की चूत में चला गया और फिर मैंने धीरे धीरे अंदर बाहर करके रुची को चोदना शुरू किया. ऐसा करने से मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और अब धीरे धीरे मेरा जोश बड़ता गया.
रुची : हाँ विशाल, हाँ बस ऐसे ही ले लो मेरी और ज़ोर से चोदो मुझे. चोद डालो अपनी बीवी की दोस्त को आहहहह हाँ आईईई विशाल तुम आज मेरी चूत को उह्ह्ह्हह्ह शांत कर दो और ज़ोर ज़ोर से करो ना विशाल, मुझे बहुत मज़ा आ रहा है, तुम बहुत अच्छे हो विशाल और तुम एक बहुत अच्छे लवर हो और तुम्हारा लंड कितना लंबा और मोटा है. मुझे इतना मज़ा पहले कभी भी चुदाई में नहीं आया अहहहह थोड़ा और ज़ोर से धक्का दो मेरी चूत को, थोड़ा तुम्हारे लंड का मज़ा भी लेने दो मुझे.
अब में रुची को अब बहुत ज़ोर ज़ोर से चोदता चला जा रहा था और में बिना रुके बस लंड को ठोके जा रहा था.
में : रुची में तुमको हमेशा से चोदना चाहता था और में तुम को जब भी देखता था तो मेरा लंड तनकर खड़ा हो जाता था. में हमेशा तुमको चोदना चाहता था. रुची मेरी डार्लिंग में अब तुमको हमेशा चोदूंगा, रुची तुम से अच्छी चूत मुझे कभी नहीं मिली. में तुमको सारी जिन्दगी चोदना चाहता हूँ.
फिर में बस रुची को लगातार धक्के देकर चोदता गया और हम दोनों मस्ती में मोन करते रहे और वो भी मेरा पूरा पूरा साथ देती रही, तो मैंने कुछ देर की ताबड़तोड़ चुदाई के बाद रुची की चूत में ही वीर्य डाल दिया और अब हम दोनों इस चुदाई से बिल्कुल संतुष्ट हो चुके थे, लेकिन वो कई बार झड़ चुकी थी. दोस्तों उसके बाद भी में उसके पूरे जिस्म को चूमता, चाटता रहा में उसके बूब्स को मसलता रहा दबाता रहा और वो मोन करती रही और अब हम अक्सर कोई अच्छा मौका पाकर मिलने का प्लान करने लगे और चुदाई करने लगे. मैंने अब तक उसे बहुत बार चोदा है.
रुची की हाईट 5.5 है और रंग थोड़ा सा गेहुँआ है, उसके फिगर का साईज 36-28-36 है रुची एक फिटनेस फ्रीक लेडी है और उसको फिट और शेप में रहना पसंद है वो हर रोज जिम जाती है और उसने अपने शरीर को बहुत सम्भाल कर रखा है वो हमेशा से स्वीमिंग और योगा भी करती रही है और लगातार पार्लर भी जाया करती है इसलिए वो बहुत ही सुंदर और सेक्सी दिखती है.
रुची हमेशा उत्तेजक तरीके से कपड़े पहनती है वो टाईट फिटिंग के टॉप्स और शर्ट् पहनती है जिसका गला बहुत गहरा होता है और उसके 36 साईज़ के बूब्स मस्त नज़र आते है और वो अधिकतर छोटी स्कर्ट पहनती है, जिसमें उसकी सेक्सी मस्त जांघे बहुत अच्छी लगती है और जब वो साड़ी पहनती है तो उसे भी बहुत सेक्सी अंदाज़ में बिना बाँह का, गहरे गले का और पीछे खुले हुए ब्लाउज के साथ पहनती है और उसकी साड़ी भी ज्यादातर जालीदार होती है और वो उसे अपने पेट पर नाभि से बहुत नीचे बाँधती है.
दोस्तों रुची जितनी सेक्सी और सुंदर है उसका पति उतना ही मोटा काला और भद्दा सा है, लेकिन जहाँ तक मुझे पता है कि रुची और उसके पति का रिश्ता बहुत अच्छा है वो शायद इसलिए क्योंकि उसका पति उसको बहुत अच्छी तरह चोदता होगा और अपने लंड से संतुष्ट रखता होगा? दोस्तों में अपनी पत्नी के साथ दिल्ली में ही रहता था और रुची अभी पिछले साल ही अपने पति के साथ दिल्ली आ गई थी. दोस्तों रुची से में पहली बार पिछले साल मिला था जब वो अपनी दोस्त से मिलने मेरे घर आई थी, उस दिन रविवार का दिन था और हमे ऑफिस नहीं जाना था और रुची अपनी पुरानी स्कूल टाईम की दोस्त से मिलने हमारे घर पर आई हुई थी.
वो सुबह से ही आ गई थी और सारा दिन मेरी पत्नी के साथ हमारे घर पर थी और अब धीरे धीरे हम दोनों परिवार में भी बहुत अच्छी दोस्ती और पिछले एक साल में बहुत मिलना जुलना हो गया था. दोस्तों रुची के लिए मेरे मन में पहले दिन से ही उसकी चुदाई का विचार था और जब भी में उसे देखता तो बस अपना लंड मसलकर रह जाता और उसको सोच सोचकर अपनी पत्नी को चोदता था, लेकिन वो मेरी पत्नी की एक बहुत अच्छी दोस्त थी और अब उसका पति भी मेरा बहुत अच्छा दोस्त बन गया था इसलिए कोई भी रुची की तरफ मेरे झुकाव को ज्यादा मन में नहीं ले सकता था और फिर यह बात मुझे बाद में पता चली कि रुची के मन में भी मेरे लिए कुछ ऐसी ही सोच थी.
दोस्तो में आपको अपने बारे में भी थोड़ा बता दूँ कि में भी किसी से कम नहीं हूँ, मेरी हाईट 5.11 है और मेरा शरीर एकदम फिट और में भी हर रोज एक्सर्साइज़ करके अपने आपको फिट रखता हूँ और मेरी उम्र 35 साल है. में आजकल के लड़कों की तरह नहीं दिखता बल्कि एक लंबा चौड़ा मर्द दिखता हूँ और मेरे अंदाज़ भी बहुत मर्दाना है. मेरा 9 इंच लंबा और मोटा लंड किसी भी चूत को अच्छी तरह संतुष्ट करने के लिए बहुत है. अब धीरे धीरे मेरे और रुची के बीच बहुत अच्छी बातचीत होने लगी थी और हम लोग अक्सर व्हाटसप पर ही हैल्लो करते थे. मैसेज और चुटकुले एक दूसरे को दिया करते थे और फिर धीरे धीरे हम नॉनवेज मैसेज भी देने लगे थे. हमारे बीच का रिश्ता बहुत ही अच्छा और दोस्तों जैसा हो गया था. दोस्तों मेरे ऑफिस में मेरी एक गर्लफ्रेंड है जिसे में अक्सर ऑफिस टाईम में बाहर घुमाने फिराने और चोदने के लिए बाहर ले जाता हूँ, उसे दिन शुक्रवार था और मेरी गर्लफ्रेंड को आधे दिन के बाद छुट्टी पर जाना था. तो हमने प्लान बनाया कि हम सेलेक्ट सिटी मॉल जाकर थोड़ी देर घूमेंगे फिर लंच करेंगे और फिर मेरी गर्लफ्रेंड वहाँ से अपने घर पर निकल जाएगी और में या तो ऑफिस वापस आ जाऊंगा, नहीं तो अपने घर पर चला जाऊंगा.
हम लोग ठीक 12 बजे मॉल पहुँचे और थोड़ी देर घूमने के बाद हमने एक बजे लंच किया. फिर मेरी गर्लफ्रेंड को कहीं जाना था इसलिए मैंने माल के बाहर उसे बाय कहा और जैसे ही में वापस मुड़ा तो मुझे किसी लड़की ने आवाज़ दी और जब मैंने आवाज़ की दिशा में मुड़कर देखा तो मेरे सामने रुची खड़ी हुई थी. मैंने उसको स्माइल दी और उसकी तरफ गया. दोस्तों उसने उस दिन एक हरे कलर की जालीदार साड़ी पहनी हुई थी और उसके साथ उसी कलर का बिना बाह का बड़ा गला और पीछे से बिल्कुल खुला हुआ ब्लाउज पहना हुआ था और फिर मैंने जब उसकी तरफ देखा तो बस में देखता ही रह गया.
रुची : हाय विशाल, कैसे हो तुम?
में : में बिल्कुल ठीक हूँ रुची आप कैसी हो? बहुत दिनों बाद मिली हो, तुमको देखकर अच्छा लगा.
रुची : में ठीक हूँ और मुझे भी बहुत अच्छा लगा तुमसे मिलकर.
में : तुम क्या यहाँ पर अकेली आई हो? और तुम्हारे पतिदेव कहाँ है?
रुची : नहीं, में अकेली आई हूँ. पतिदेव आज कल काम के सिलसिले में दो सप्ताह के लिए हैदराबाद गए हुए है, में अकेली घर पर अकेली बोर हो रही थी तो शॉपिंग करने यहाँ चली आई.
में : अच्छा ठीक है चलो ना कहीं बैठकर कॉफी पीते है और बातें करते है.
रुची : हाँ चलो ठीक है.
फिर हम लोग पास ही के एक रेस्टोरेंट में जाकर बैठ गए और फिर कॉफी पीते हुए इधर उधर की बातें करने लगे और फिर कुछ देर बाद उसने बातों ही बातों में मुझसे पूछा कि बताओ तुम यहाँ पर क्या कर रहे हो? और कौन थी वो हॉट लड़की जिसको तुम हाए हैल्लो कर रहे थे?
में : कौन सी लड़की?
रुची : अब ज्यादा बनो मत, में बहुत देर से तुम दोनों को देख रही थी, लेकिन तुम्हे बीच में परेशान नहीं किया. तुम बहुत ही चिपक चिपककर घूम रहे थे उसके साथ और उसे तुमने गले मिलकर बाय कहा, पक्का वो तुम्हारी गर्लफ्रेंड होगी. तुम अक्सर उसके साथ ऐसे ही घूमते हो क्या?
में : नहीं नहीं रुची, ऐसा कुछ भी नहीं है, वो तो बस ऐसे ही ऑफिस की एक लड़की थी और उसके आलावा कुछ नहीं है हमारे बीच.
रुची : मुझे मत बनाओ, में सब समझती हूँ, डरो मत और ज्यादा टेंशन मत लो और भी मज़े करो क्योंकि में कभी भी तुम्हारी पत्नी से इस बारे में कुछ भी नहीं कहूँगी.
में : क्या सच? तुम्हारा बहुत धन्यवाद रुची.
रुची : अच्छा हुआ तुम मिल गए, क्योंकि मेरे ड्राइवर के यहाँ किसी रिश्तेदार की शादी है तो वो भी मुझे यहाँ पर छोड़ने के बाद तीन दिन के छुट्टी पर चला गया और अब में कोई टेक्सी बुलाने की सोच रही थी, लेकिन अब तुम मिल गये हो तो मुझे घर तक तो छोड़ ही दोगे.
में : हाँ हाँ मुझे इसमें कोई भी आपत्ति नहीं है और में तुमको तुम्हारे घर पर छोड़ दूँगा.
रुची : तुम्हारा बहुत बहुत धन्यवाद.
में : तो तुम क्या खरीद रही थी और तुमने क्या क्या शॉपिंग की?
रुची : कुछ खास नहीं बस घर पर अगले महीने एक छोटा सा समारोह है तो मैंने उसके लिए कुछ ड्रेस, साड़ी और ब्लाउज लिए है.
में : वाउ, रुची तुम साड़ी में बहुत दी शानदार लगती हो तुम्हारा फिगर साड़ी के लिए एकदम ठीक है. तुम दूसरी ड्रेस में भी बहुत अच्छी लगती हो, लेकिन साड़ी में कुछ ज्यादा ही अच्छी लगती हो और तुम को याद है पिछली बार पार्टी में तुम्हे जब हम मिले थे तब तुमने काली और सिल्वर कलर की साड़ी पहनी हुई थी और तुम उसमे बहुत ही अच्छी लग रही थी और पार्टी में सब लोग तुम्हे ही देख रहे थे और तुम्हारे साथ रहना चाहते थे.
रुची : अच्छा, और तुम क्या चाहते थे?
में : में भी तुम्हारे साथ रहना चाहता था और तुम को सबसे दूर अकेले में ले जाना चाहता था.
रुची : हाहाहा ठीक है चलो अब यहाँ से चलते है.
फिर मैंने रुची के शॉपिंग बेग ले लिए और हम नीचे पार्किंग की तरफ चल दिए और गाड़ी के पास पहुँचकर मैंने उसका सामान पीछे की सीट पर फैंक दिया और कार का दरवाज़ा खोलकर उसे अंदर बैठाया फिर हम दोनों गाड़ी में उसके घर की तरफ चल पड़े.
रुची: तो तुम अभी कुछ देर पहले कह रहे थे कि में साड़ी में बहुत अच्छी लगती हूँ और उस दिन पार्टी में भी में बहुत अच्छी लग रही थी, लेकिन मैंने आज भी तो साड़ी पहनी हुई है, लेकिन आज के बारे में तुमने मुझसे कुछ नहीं कहा. क्यों आज में अच्छी नहीं लग रही क्या?
में : नहीं ऐसी कोई बात नहीं है, तुम आज भी बहुत अच्छी लग रही हो और आज तो तुम उस दिन से भी ज्यादा शानदार लग रही हो.
रुची : हाँ तभी तुम कॉफी टेबल पर मुझे ऊपर से नीचे तक भूखी नज़रों से घूरे जा रहे थे. वैसे तुम बहुत शरारती हो, बीवी और गर्लफ्रेंड से दिल नहीं भरता क्या तुम्हारा?
तभी मैंने रुची के घर के पास पहुँचकर गाड़ी को रोक दिया.
रुची : आ जाओ ऊपर आ जाओ, थोड़ी देर बैठो मेरे साथ, एक कॉफी और पीते है.
में : नहीं में अब घर पर चलता हूँ कॉफी पीने फिर कभी आऊंगा.
रुची : क्यों? अब ज्यादा नाटक मत करो, तुम्हे कहाँ जाना है और ऐसा क्या जरूरी काम है? थोड़ी देर रुककर चले जाना में भी घर पर बिल्कुल अकेली हूँ आजकल और बहुत बोर हो रही हूँ, तुम्हारे साथ मेरा भी थोड़ा टाईम पास हो जायेगा.
में : चलो ठीक है अगर तुम इतना कहती हो तो में अंदर चलता हूँ.
फिर घर पर पहुँचकर रुची ने अपने शॉपिंग बॅग्स मुझसे ले लिए और मुझे बैठने के लिए कहा में रूम में बैठ गया और वो किचन से पानी लेकर आई. हमने पानी पिया और वो सामने के सोफे पर बैठ गई, सोफे पर बैठकर रुची ने धीरे से अपनी साड़ी को अपनी छाती से ढलका दिया और फिर में उसके बदन को कामुक नज़रों से देखने लगा. एकदम टाईट और गहरे गले के ब्लाउस में से उसके बूब्स बाहर आने को बेताब थे. उसके सेक्सी पतली कमर और गहरी नाभि को देखकर किसी का भी लंड एकदम पूरा टाईट और पूरा लंबा खड़ा हो जाता और बिल्कुल यही मेरे साथ हुआ और मेरा लंड था भी 9 इंच का, मेरी पेंट के अंदर पूरा तनकर खड़ा था और खड़े हुए लंड का उभार छुपाना बिल्कुल मुश्किल था और अब में और रुची आमने सामने बैठे हुए थे. में उसकी कमर, नाभि और छाती को देख रहा था और वो मेरे लंड को. रुची भी इन सब बातों को सोचकर गरम हो रही थी और अब उसके निप्पल बहुत टाईट हो रहे थे.
वो धीरे धीरे गहरी गहरी और लंबी लंबी सांसे ले रही थी, जिससे उसके बूब्स बड़े ही आराम से ऊपर नीचे हो रहे थे और मुझे उन्हे देखकर ऐसा लग रहा था कि उसके बूब्स कभी भी ब्लाउज को फाड़कर बाहर आ जाएगें और थोड़ी देर हम लोग ऐसे ही एक दूसरे को देखते हुए खोए हुए बिल्कुल शांत बैठे रहे फिर आख़िर में रुची ने अपनी चुप्पी तोड़ी.
रुची : में कॉफी बनाकर लाती हूँ.
में : छोड़ो ना, रहने दो कॉफी क्या करना है? अभी तो पी थी.
रुची : क्यों क्या हुआ? चलो कोई नहीं, में समझ गई?
में : क्या समझ गई?
रुची : यही कि तुम नहीं चाहते कि में तुम्हारे सामने से उठकर कहीं भी जाऊँ.
में : हाँ, तुमने बिल्कुल ठीक ही समझा.
रुची : तुमको ऐसे मज़ा मिल रहा है ना, क्या चाहते हो खुलकर बताओ? तुम्हारे दिमाग में क्या है और में तुम्हारी बीवी को कभी कुछ नहीं कहूँगी तुम मुझसे कुछ भी कह सकते हो और तुम मुझे पर पूरा विश्वास कर सकते हो.
में : (अपने लंड को मसलते हुए) क्या बोलूं? बस यही है कि तुम बहुत सेक्सी लग रही हो.
रुची : क्या और भी देखना चाहते हो? में जो ड्रेस लाई हूँ वो में अभी तुमको पहनकर दिखाती हूँ.
तो यह कहकर रुची ने शॉपिंग बेग का सामान टेबल पर रख दिया, उसमें दो ब्लाउज एक काला और एक लाल कलर का था, लेकिन एक काली बिकिनी टाईप थी.
रुची : चलो में तुम को यह काला ब्लाउज पहनकर दिखाती हूँ.
में : चलो ठीक है.
दोस्तों यह बात कहकर रुची ने वो काला वाला ब्लाउज उठाया और अंदर बेडरूम में चली गई और जब वो वापस आई तो उसके जिस्म पर साड़ी नहीं थी, उसने सिर्फ़ पहले वाला पेटीकोट पहना हुआ था और काले कलर का नया वाला ब्लाउज पहना हुआ था.
रुची : क्यों मुझ पर कैसा लग रहा है यह ब्लाउज?
में : (लंड मसलते हुए) बहुत ही हॉट, सेक्सी.
रुची : अब यह लाल वाला पहनकर आती हूँ.
में : ठीक है.
दोस्तों रुची जब लाल कलर का ब्लाउज पहन कर आई तो वो पीछे से पूरा खुला हुआ था और थोड़ा साईज़ की वजह से वो बंद नहीं हो रहा था.
रुची : देखो ना यह ग़लत आ गया है मुझसे तो यह बंद ही नहीं हो रहा.
में : चलो छोड़ो ना इसे, तुम दूसरा पहनकर देखो.
रुची : दूसरा क्या? यह बिकिनी है क्या तुम सही में चाहते हो कि में यह तुम्हारे सामने पहनकर दिखाऊँ? रूको में अभी यह पहन कर आती हूँ, तुम्हारे लिए तो में पूरी नंगी भी हो सकती हूँ.
दोस्तों सच कहूँ तो रुची जब वो बिकिनी पहनकर आई तो में सोफे से उठकर अपना लंड पकडकर खड़ा हो गया और फटी आँखों से उसके बदन को घूरने लगा और पेंट के ऊपर से अपना लंड सहलाने लगा.
में : वाह तुम बहुत सेक्सी लग रही हो और अब में तुमको घूरना कंट्रोल नहीं कर सकता.
रुची : हाँ वो तो मुझे दिख ही रहा है जिस तरह से तुम मुझे देख रहे हो.
में : हाँ और क्या?
रुची : वो क्या है? (रुची ने मेरे लंड की तरफ इशारा किया जिसे में सहला रहा था)
में : सॉरी और फिर मैंने लंड से अपना हाथ हटा लिया.
रुची : सॉरी बोलने की क्या ज़रूरत है करते रहो में कुछ नहीं कहूंगी.
में : क्या करता रहूं?
रुची : वही जो इतनी देर से मुझे देखकर कर रहे हो और मसलते रहो अपना लंड मुझे देखकर. मुझे पता है कि में बहुत सेक्सी हूँ और अब इस समय हम दोनों यहाँ पर बिल्कुल अकेले है तो फिर ले लो मज़े, किसने रोका है तुमको कुछ भी करने से.
में : तुम अभी बोलकर गई थी कि मेरे लिए नंगी हो सकती हो.
रुची : हाँ ठीक है, लेकिन में पहले से ही आधी नंगी हूँ, अब पहले तुम अपने कपड़े उतारो और अगर में अपने हाथों से तुम्हारे कपड़े उतार दूं तो? मुझे तुमको नंगा करने में बहुत मज़ा आएगा.
में : तुम मेरे साथ कुछ भी करो में कुछ नहीं कहूँगा.
रुची : चलो फिर बेडरूम में चलते है.
में : ठीक है.
फिर बेडरूम में जा कर रुची ने एक एक करके मेरे सारे कपड़े उतार दिए और में अब उसके सामने सिर्फ़ अंडरवियर में था और फिर रुची ने अपनी ब्रा को भी उतार दिया और एक तरफ उछाल दिया फिर वो मेरे पास आई और मेरे लंड को अंडरवियर के ऊपर से ही पकड़ कर मसलने लगी. मैंने रुची को अपनी तरफ खींचा और अपने होंठो को उसके होंठ पर रख दिए और किस करने लगा और मैंने उसको एक लंबा किस दिया. मेरी पकड़ बहुत मजबूत थी मेरा और रुची का हग अब और भी टाईट होता जा रहा था मैंने रुची के होंठ, गाल, गर्दन और बूब्स के ऊपर किस करना शुरू कर दिया.
में : आ जाओ रुची, ले लो मेरा लंड, में तुम को हमेशा से चाहता था. मुझे कब से तुम्हारी लेनी थी, लेकिन आज मौका मिल ही गया. तुम्हारा बहुत धन्यवाद मुझे यह मज़ा देने के लिए, तुम बहुत अच्छी हो, में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ रुची.
अब रुची ने अपने आप को पूरी तरह मुझे सोंप दिया. में उसके पूरे शरीर पर हाथ फेर रहा था और उसे जोश में आकर उसके पूरे शरीर पर किस कर रहा था मेरे मन की इच्छा आज सच हो रही थी और अब मुझे किसी बात की परवाह नहीं थी. तो मैंने अपना एक हाथ रुची के बूब्स पर रख दिया और धीरे धीरे दबाना करना शुरू किया और ब्लाउज के ऊपर से उसके निप्पल ढूंढने लगा. निप्पल मिलते ही मैंने उन्हे धीरे से प्यार के सहला दिया और अब रुची धीरे धीरे मोन करने लगी. फिर रुची ने भी मेरी जांघो पर हाथ फेरना शुरू किया और मेरे अंडरवियर के ऊपर से मेरे लंड के आकार को महसूस कर रही थी और फिर मैंने रूची की ब्रा का हुक खोल दिया और ब्रा को बूब्स के ऊपर से हटा दिया. उसके मुलायम बूब्स और गहरे गुलाबी निप्पल को देखकर मेरे मुहं से आह निकल गई.
में : रुची तुम्हारी बॉडी और फिगर मेरी सोच से कहीं ज्यादा मजेदार है. तुम्हारी त्वचा कितनी मुलायम और तुम्हारा जिस्म जो मुझे मज़ा दे रहा है, वो आज तक कभी किसी ने नहीं दिया.
फिर मैंने रुची को उठाया और बेड पर लेटा दिया और उसकी पेंटी को भी उतार दिया. फिर मैंने अपनी अंडरवियर को भी उतार दिया. में भी बेड के ऊपर बैठ गया और आज हमारे नंगे बदन पहली बार मिल रहे थे. हम दोनों के बदन में एक अजीब सी झुरझुरी हो रही थी. मैंने रुची को अपने पास में लेटाया और उसे बाहों में लेकर फिर से होंठो किस करने लगा. अब रुची ने भी मेरा साथ दिया और मेरी जीभ को अपने मुहं में ले लिया. किस करते हुए मैंने फिर से उसके बूब्स को एक एक करके मसलने लगा और धीरे धीरे दबाना शुरू कर दिया. रुची धीरे धीरे अपने मुहं से मोनिंग की आवाज़ निकालने लगी. फिर में धीरे धीरे नीचे सरका और रुची के बूब्स सक करने लगा और दूसरे हाथ से उसकी चूत रगड़ने लगा. अब पूरा कमरा मेरी और रुची की मोनिंग की आवाज़ से गूँज रहा था आहहहह आईईईईइ आहहहह उह्ह्ह्हह्ह.
रुची : में भी तुमसे बहुत प्यार करती हूँ विशाल और में भी बहुत समय से तुम्हारे साथ यह सब करना चाहती थी. प्लीज़ ले लो अब मेरी विशाल. में अब और नहीं रुक सकती, प्लीज़ ले लो मेरी, प्लीज़ अब चोद दो मुझे.
में : हाँ रुची, में हमेशा से तुमको चोदना चाहता था. में आज तुम्हारी लूँगा रुची और अब ज़रूर लूँगा, में तुमसे बहुत प्यार करता हूँ रुची, में तुम्हारी चूत को भी बहुत प्यार करता हूँ, आज में खा जाऊंगा तुम्हारी चूत को.
दोस्तों में अभी भी उसके बूब्स चूस कर रहा था और चूत को घिस रहा था.
रुची : प्लीज़ विशाल अब लंड डालो ना मेरी चूत के अंदर, में अब नहीं रुक सकती आहहहह उह्ह्ह्हह्ह प्लीज़ अब आ जाओ, अब डाल दो मेरे अंदर.
मैंने अब सक कर करना और रब करना बंद किया और रुची को सीधा लेटाया और एक तकिया उसके कूल्हों के नीचे लगाया और फिर उसके पैरों को धीरे से फैलाकर अपने आप को उसके पैरों के बीच सेट किया. तो रुची ने अपने पैरों को उठाकर मुझे लपेटकर अपनी तरफ खींच लिया, मैंने अपने लंड का टोपा उसकी चूत पर रखा और रगड़ने लगा. में ऐसे थोड़ी देर अपना लंड उसकी चूत के होंठो पर रगड़ता रहा और वो मोन कर रही थी.
रुची : विशाल प्लीज़ अब अंदर डाल भी दो ना अब और मत तरसाओ प्लीज़ इसको अंदर डालो और मुझे चोद दो, चोदो मुझे विशाल, मुझे आज ज़ोर से चोदो मसल डालो.
फिर मैंने अपने लंड को धीरे से चूत पर दबा दिया और अब मेरा लंड थोड़ा सा रुची की चूत के अंदर चला गया, रुची के मुहं से एक आआहह आईईईई की आवाज निकल गई. तो मैंने थोड़ा सा और धक्का दिया और पूरा का पूरा लंड रुची की चूत में चला गया और फिर मैंने धीरे धीरे अंदर बाहर करके रुची को चोदना शुरू किया. ऐसा करने से मुझे बहुत मज़ा आ रहा था और अब धीरे धीरे मेरा जोश बड़ता गया.
रुची : हाँ विशाल, हाँ बस ऐसे ही ले लो मेरी और ज़ोर से चोदो मुझे. चोद डालो अपनी बीवी की दोस्त को आहहहह हाँ आईईई विशाल तुम आज मेरी चूत को उह्ह्ह्हह्ह शांत कर दो और ज़ोर ज़ोर से करो ना विशाल, मुझे बहुत मज़ा आ रहा है, तुम बहुत अच्छे हो विशाल और तुम एक बहुत अच्छे लवर हो और तुम्हारा लंड कितना लंबा और मोटा है. मुझे इतना मज़ा पहले कभी भी चुदाई में नहीं आया अहहहह थोड़ा और ज़ोर से धक्का दो मेरी चूत को, थोड़ा तुम्हारे लंड का मज़ा भी लेने दो मुझे.
अब में रुची को अब बहुत ज़ोर ज़ोर से चोदता चला जा रहा था और में बिना रुके बस लंड को ठोके जा रहा था.
में : रुची में तुमको हमेशा से चोदना चाहता था और में तुम को जब भी देखता था तो मेरा लंड तनकर खड़ा हो जाता था. में हमेशा तुमको चोदना चाहता था. रुची मेरी डार्लिंग में अब तुमको हमेशा चोदूंगा, रुची तुम से अच्छी चूत मुझे कभी नहीं मिली. में तुमको सारी जिन्दगी चोदना चाहता हूँ.
फिर में बस रुची को लगातार धक्के देकर चोदता गया और हम दोनों मस्ती में मोन करते रहे और वो भी मेरा पूरा पूरा साथ देती रही, तो मैंने कुछ देर की ताबड़तोड़ चुदाई के बाद रुची की चूत में ही वीर्य डाल दिया और अब हम दोनों इस चुदाई से बिल्कुल संतुष्ट हो चुके थे, लेकिन वो कई बार झड़ चुकी थी. दोस्तों उसके बाद भी में उसके पूरे जिस्म को चूमता, चाटता रहा में उसके बूब्स को मसलता रहा दबाता रहा और वो मोन करती रही और अब हम अक्सर कोई अच्छा मौका पाकर मिलने का प्लान करने लगे और चुदाई करने लगे. मैंने अब तक उसे बहुत बार चोदा है.